यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिये हुए बंद, शनि महाराज के साथ खरसाली रवाना हुई यमुना जी

उत्तरकाशी : विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट शनिवार को भैय्या दूज के पर्व पर विधि विधान से शीतकाल के लिये बंद हो गये हैं। धाम के कपाट बंद होने के बाद अब छह माह तक यमुना जी की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दी स्थल खरसाली में होगी।
भैयादूज के पर्व पर यमुनोत्री मंदिर में विशेष पूजाओं के बाद दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिये बंद किये गये। भैय्या दूज को परम्परा के अनुसार शनि महाराज की चल विग्रह डोली माँ यमुना को लेने सुबह यमुनोत्री धाम पहुंचे। जिसके बाद यहां मंदिर के कपाट बंद होने के पर माँ यमुना अपने भाई शनि देव के साथ खरसाली के लिये रवाना हो गई है। कपाट बंद होने तक 35 हजार श्रद्धालुओं ने यमुनोत्री धाम में दर्शन कर पूजा-अर्चना की। यमुनोत्री मंदिर समिति के पूर्व उपाध्यक्ष पवन उनियाल ने कहा कि परम्परा के अनुसार भैय्या दूज पर भगवान शनि यमुना जी को लेने यमुनोत्री धाम पहुंचते हैं। ऐसे में भैय्या दूज के पर्व पर यहां यमुना जी में स्नान करने पर भाई-बहन की मनोकमना पूर्ण होती है।