तपोवन-विष्णुगाड परियोजना जून 2024 में होगी पूर्ण : एनटीपीसी

जोशीमठ (स.ह.) : रैणी-तपोवन आपदा से प्रभावित एनटीपीसी की 520 मेगावाट तपोवन-विष्णुगाड परियोजना 2024 में बन कर तैयार हो जाएगी। यह बात परियोजना के महाप्रबंधक राजेंद्र प्रसाद अहिरवाल ने वीरवार को आयोजित मीडिया संवाद कार्यक्रम के दौरान कही।
जोशीमठ में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अहिरवाल ने कहा कि फरवरी माह में परियोजना क्षेत्र में आई आपदा से परियोजना के पूर्ण होने की अवधि एक वर्ष बढ गई है। हालांकि आपदा से हुए नुकसान का 90 फीसदी सुधारीकरण कार्य कंपनी की ओर से पूर्ण कर लिया गया है। बैराज साइड में भरे मलबे का जहां साफ कर लिया गया है। वहीं फरवरी माहत तक टनल में भरा मलबा भी साफ कर लिया जाएगा।
एनटीपीसी ने रैणी-तपोवन आपदा से ली सीख
रैंणी तपोवन आपदा के बाद धौली गंगा पर जल विद्युत परियोजना का निर्माण कंपनी सीख लेते हुए अब यहां रैंणी, ऋषिगांगा, धौली, तपोवन, सुराईथोटा और गोविंदघाट सुरक्षाकर्मियों की तैनाती कर दी है। कंपनी की ओर से सुरक्षाकर्मियों को मोबाइल फोन के साथ ही सेटेलाइट फोन दिये गये हैं। जो नदियों में होने वाली हलचल पर नजर रखने के साथ ही सूचनाओं का आदान प्रदान करेंगे।
कम्पनी ने आपदा के दौरान मारे गये 140 लोगों के परिजनों को वितरित किया मुआवजा
रैणी-तपोवन आपदा के दौरान मारे गये 140 लोगों के परिजनों को कंपनी की ओर से 15 करोड़ मुआवजा धनराशि का भुगतान कर दिया गया है। जबकि मृत्यु प्रमाण पत्र मिलने के बाद 99 लोगों को कंपनी की ओर से 20 लाख, राज्य सरकार की ओर से 4 लाख व केंद्र सरकार की ओर से 2 लाख की धनराशि का भुगतान कर लिया गया है। जबकि शेष लोगों के भुगतान दो माह में पूर्ण करने की प्रक्रिया गतिमान है।