वन विभाग और जन सहभागिता से वनाग्नि पर लग सकती हैं प्रभावी रोक

- वनाग्नि के खिलाफ आयोजित पदयात्रा के दौरान गोष्ठी में बोले ग्रामीण
चमोली : चिपकों की मातृ संस्था दशोली ग्राम स्वराज्य मंडल व सीपी भट्ट पर्यावरण एवं विकास केंद्र की ओर से वनाग्नि के खिलाफ शुरु की गई पदयात्रा वीरवार को गिरसा गांव पहुंच गई है। वीरवार को पदयात्रियों ने बछेर, सोनला, घुडसाल, सैकोट, मासों और उतरौं में गोष्ठी व संवाद कार्यमों का आयोजन किया।
बता दें कि सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी संस्थाओं की ओर से वनाग्नि से पर्यावरण के सरंक्षण के लिये अभियान का आयोजन किया जा रहा है। पदयात्रा के दौरान पदयात्रियों की ओर से जन जागरण के साथ ही वनाग्नि के कारणों का अध्ययन किया जाएगा। इसी क्रम में घुडसाल में संवाद के दौरान की वन पंचायत सरपंच दीपा देवी व मुन्नी पँवार ने कहा की प्रशासन व जन सहयोग से वनाग्नि की घटनाओं पर प्रभावी रोक लगाई जा सकती है। विजया देवी ने बताया कि उनका गाँव चीड़ के जंगल से घिरा है। जंगल में आग लगने पर उन्हें हमेशा खतरा बना रहता है। वन क्षेत्राधिकारी मीना दवे ने बताया कि विगत तीन वर्षों से उनके क्षेत्र में जन सहयोग से वनाग्नि की कोई भी घटना नहीं घटी है। गोष्ठी में ओम प्रकाश भट्ट ने कहा कि वन आंदोलनों की जननी संस्था व चिपको आंदोलन से जुड़े लोगों के मार्गदर्शन में अपने वनों को वनाग्नि से बचाने का जन जागरण अभियान शुरु किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को वन संवर्धन के लिए प्रेरित करना व वनाग्नि के कारणों को जानने के साथ उनके निराकरण की योजना तैयार करना है। इस दौरान विनय सेमवाल, मंगला कोठियाल, वन दरोगा पुष्कर सिंह नेगी, मोहित सिंह, गौरव, कुलदीप सिंह पंवार, शंकर सिंह, रेखा देवी, अशोक पंवार, पवित्रा देवी, हरीश पंवार, अनिता देवी, कश्मीरा देवी आदि मौजूद थे।