विभाग को नुकसान होने पर अधिकारियों के वेतन से होगी कटौती : विद्युत लोकपाल

पौड़ी : गढ़वाल सर्किल के विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच के सदस्यों व विभागीय अधिकारियों बैैठक आयोजित की गई। पौड़ी के सर्किट हाउस में उत्तराखंड के विद्युत लोकपाल सुभाष कुमार ने बैठक की। बैठक में विद्युत लोकपाल ने उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच के अब तक के फैसलों की समीक्षा की। उन्होंने कहा हो मंच के समक्ष 80 फीसदी मामलों निगम की गलतियां पाई गई हैं। जिससे निगम को भारी आर्थिक नुकसान भी हो रहा है । लेकिन उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच उपभोक्ताओं को उत्कृष्ट सेवा व उनके अधिकारों के सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी व निष्ठा से काम कर रहा है ।
विद्युत लोकपाल ने कहा कि मंच के समक्ष दर्ज मामलों में विभाग की हार का मुख्य कारण अधिकारियों को इलैक्टिसिटी एक्ट 2003 व विद्युत नियामक आयोग के रेगुलेशल इलैक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड 2007 की सम्पूर्ण जानकारी का न होना एवं उक्त एक्ट को उनके द्वारा गंभीरता से न लिया जाना भी है। उन्होंने कहा कि अधिकारी एक्ट को गंभीरता से लें। अन्यथा विभाग को होने वाले नुकसान की भरपाई अधिकारियों के वेतन से कटौती कर पूरी की जाएगी ।
कहा कि यदि अधिकारी ठीक से उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के कायदे कानूनों का अध्ययन करते हैं। तो स्वतः ही उनकी कार्यशैली में परिवर्तन आएगा। साथ ही कहा कि उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच का उद्देश्य विभाग को नुकसान पहुंचाना नहीं है। मंच उपभोक्ताओं के हितों के लिए गठित हैं। यदि विभागीय अधिकारी नियमानुसार उपभोक्ताओं को सेवा प्रदान करते हैं, शिकायतें दर्ज नहीं होंगी। लेकिन लगातार मंच के समक्ष शिकायतें दर्ज हो रही हैं। जिससे अधिकारियों की कार्यशैली स्पष्ट हो रही है।
बैठक में सी.जी.आर.एफ. कर्णप्रयाग मण्डल से उपभोक्ता सदस्य शशि भूषण मैठाणी, तकनीकी सदस्य भूपेंद्र कनेरी, एसएस नेगी, विधि सदस्य सुंदरी गैरोला, अधीक्षण अभियंता श्रीनगर मदन राम आर्य, अधिशासी अभियंता कोटद्वार रघुराज सिंह, अधिशासी अभियंता पौड़ी अभिनव रावत, अधिशासी अभियंता गैरसैण व रुद्रप्रयाग डीएस चौधरी, अधिशाषी अभियंता नारायण बगड़ विनीत सक्सेना, अधिशासी अभियंता कोटद्वार मोहित डबराल, अधिशासी अभियंता श्रीनगर यदुबीर सिंह तोमर आदि मौजूद थे।
- दो से अधिक आईडीएफ, आरडीएफ, एनए बिल होने पर अन्य सभी होंगे माफ :
एक्ट स्पष्ट करता है कि विभाग उपभोक्ता को दो से अधिक बिल IDF , RDF, NA या NR के नहीं दे सकता है। लेकिन अधिसंख्य मामलों में यह गड़बड़ी देखी जा रही कि उपभोक्ताओं को 3 या 4 माह के बजाय बार-बार से उक्त बिल भेजे जा रहे हैं । विद्युत लोकपाल ने कहा कि एक्ट के प्रावधानों के अनुरूप ऐसे मामलों में मंच दो से अधिक बिल होने पर अन्य सभी बिल उपभोक्ता के माफ कर सकता है।
ऐसे में नुकसान यूपीसीएल को उठाना पड़ता है, आगे विभाग को किसी अधिकारी की लापरवाई के चलते नुकसान न हो, उसके लिए सरकार के साथ पत्राचार किया जा रहा है। संभवत: 1 अप्रैल से सेवा में कमी के कारण विभाग को होने वाले नुकसान की भरपाई अब जिम्मेदार अधिकारी के वेतन से कटौती से होगी।
- सीलिंग सर्टिफिकेट देना है अनिवार्य :
विद्युत लोकपाल ने अधिकारियों को कहा कि वह उपभोक्ताओं को पहले आवश्यक रूप से नोटिस दें तब चैक मीटर स्थापित करने की कार्रवाई करें, और तत्काल उपभोक्ता को यथास्थान हस्ताक्षर युक्त रसीद भी देना सुनिश्चित करें । उन्होंने अनेकों मामलों का उदाहरण देते हुए कहा कि विभाग उपभोक्ताओं को सीलिंग रिपोर्ट नहीं देता है, जिस आधार पर आगे कोर्ट से उपभोक्ता जीत हासिल कर लेता है और विभाग को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है ।
- बिजली चोरी मामलों में सी.जी.आर.एफ. के पास आ सकता है उपभोक्ता :
विद्युत लोकपाल सुभाष कुमार ने पूर्व में दिए गए दिवाकर देव के जजमेंट का हवाला देते हुए कहा कि, उक्त मामले में उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच के समक्ष भी उपभोक्ता अपनी आपत्ति दर्ज कर सकता है । उन्होंने सेक्शन 126 एवं 135 का हवाला देते हुए कहा कि CGRF एवं Ombudsmen उक्त मामलों को देख व सुन सकते हैं । विद्युत लोकपाल ने कहा कि उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच अथवा लोकपाल उपभोक्ता की शिकायत के पश्चात उस पर की गई कार्रवाई की प्रक्रिया ( प्रॉसिजर) को चैक कर सकता है । यदि कार्रवाई, प्रक्रिया नियमानुसार हुई हो तो मामले की सुनावाई जिलाधिकारी की अदालत करेगी और यदि नियमों का उलंघन कर कार्रवाई हुई है तो उपभोक्ता के अधिकारों के तहत मंच अथवा लोकपाल मामले की सुनवाई कर सकते हैं ।